Sunday, December 6, 2015

निराला का जीवन वृत और निराली धारा




साभार गूगल

निराला जी का जीवन वृत
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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी  नामकरण दीनबंधु निराला के नाम से हुआ 
 इनका जन्म मिदनापुर में २१ फरवरी १८९६ बंगाल के परिवेश में एक ग्राम स्थित हुआ 
 इनकी मृत्यु  ६५ वर्ष कि आयु में निधन १५ अक्तूबर १९६१,को इलाहाबाद, प्रयाग में हुआ
निराला जी एक कवि, लेखक, निबंधकार , उपन्यास कार थे,छायावादी
 काव्य- धारा के प्रमुख स्तंभ, माने जाते है

वे स्वामी परमहंस,विवेकानंद और रबिन्द्रनाथ टेगोर जैसे प्रेरणात्मक  व्यक्तित्व से वे प्रभावित रहे
Poetry (काव्य)
  • Ram Ki Shakti Puja (राम की शक्ति पूजा)
  • Dhwani
  • Saroj Smriti(सरोज स्मृति)
  • Parimal (परिमल)
  • Anaamika (अनामिका) (1938)
  • Geetika (गीतिका)
  • Kukurmutta (कुकुरमुत्ता) (1941)
  • Adima (अणिमा)
  • Bela (बेला)
  • Naye Patte (नये पत्ते)
  • Archana (अर्चना)
  • Geet Gunj (गीतगुंज)
  • Aradhana (आराधना)
  • Tulsidas (तुलसीदास) (1938)
  • Janmabhumi (जन्मभूमि)
  • Jago Phir Ek Bar (जागो फिर एक बार)
Novels (उपन्यास)
  • Apsara (अपसरा)
  • Alka (अलका)
  • Prabhavati (प्रभावती)
  • Nirupama (निरुपमा)
  • Chameli (चमेली)
  • Choti ki Pakar (चोटी की पकड़)
  • Uchchhrankhalta (उच्चारणखल्ता)
  • Kale Karname (काले कारनामें)
Story-collections (कहानी संग्रह)
  • Chhaturi Chamar (चतुरी चमार)
  • Sukul ki Biwi (सुकुल की बीवी)(1941)
  • Sakhi (सखी)
  • Lily (लिली)
  • Devi (देवी)
Essay-collections (निबंध संग्रह)
  • Prabandha-Parichaya (प्रबंध परिचय)
  • Bangbhasha ka Uchcharan (बंगभाषा का उच्चारण)
  • Ravindra-Kavita-Kannan (रविंद्र कविता कानन)
  • Prabandh-Padya (प्रबंध पद्य)
  • Prabandh-Pratima (प्रबंध प्रतिमा)
  • Chabuk (चाबुक)
  • Chayan (छायां)
  • Sangraha (संग्रह)
Prose (गद्य)
  • Kullibhat (कुल्लीभाँट)
  • Billesur Bakriha (बिल्लेसुर बकरिहा)
Translations (अनुवाद)
  • Anand Math (आनंद मठ)
  • Vish-Vriksh (विष वृक्ष)
  • Krishna kant ka Vil (क्रष्ण कांत का विल)
  • Kapal Kundala (कपाल कुण्डल)
  • Durgesh Nandini (दुर्गेश नन्दिनी)
  • Raj Singh (राज सिंह)
  • Raj Rani (राज रानी)
  • Devi Chaudharani (देवी चौधरानी)
  • Yuglanguliya (युगलांगुल्य)
  • Chandrasekhar (चन्द्रशेखर)
  • Rajni (रजनी)
  • Sri Ramkrishna Vachnamrit (श्री रामक्रष्ण वच्नाम्रत)
  • Bharat Main Vivekanand (भरत में विवेकानंद)
  • Rajyog (राजयोग)



तुम्हें खोजता था मैं,
पा नहीं सका,
हवा बन बहीं तुम, जब
मैं थका, रुका ।

मुझे भर लिया तुमने गोद में,
कितने चुम्बन दिये,
मेरे मानव-मनोविनोद में
नैसर्गिकता लिये;

सूखे श्रम-सीकर वे
छबि के निर्झर झरे नयनों से,
शक्त शिरा‌एँ हु‌ईं रक्त-वाह ले,
मिलीं - तुम मिलीं, अन्तर कह उठा
जब थका, रुका ।

सूर्यकांत त्रिपाठी " निराला"



स्नेह निर्झर बह गया है
 रेत सा तन रह गया है

आग की यह डाल जो सूखी दिखी
कर रही है अब यहाँ - पिक या शिखी
नहीं आते पंक्ति में वह हूँ लिखी
नहीं जिसका अर्थ जीवन ढह गया है

दीये है मैंने जगत को फूल -फल
किया है अपनी प्रभा से चकित  चल
पर अनश्वर था, सकल पल्लवित पल
ठाट जीवन का वही जो ढह गया है

अब नहीं आती पुनिल पर प्रियतमा
श्याम तृण पर बैठने को निरुपमा

 सूर्यकांत त्रिपाठी " निराला"

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